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सम्राट अशोक
सम्राट अशोक (अशोक चंद्र) (304-232 ईसापूर्व) भारतीय इतिहास के सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली शासकों में से एक माने जाते हैं। वे मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे और उनके शासनकाल ने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण परिवर्तन और सुधार किए। अशोक के शासन को उनकी राजनीतिक कुशलता, सैन्य विजय, और विशेष रूप से उनके द्वारा अपनाए गए बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है।
प्रारंभिक जीवन
- जन्म और परिवार: अशोक का जन्म 304 ईसापूर्व में मौर्य वंश के चंद्रगुप्त मौर्य के परिवार में हुआ था। उनके पिता, बिंदुसार, मौर्य साम्राज्य के द्वितीय सम्राट थे। अशोक की माँ का नाम धर्मा था।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: अशोक को अपने समय की सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त हुई और उन्हें युद्ध और प्रशासन की कला में प्रशिक्षित किया गया।
शासनकाल और विजय
राज्यारोहण:
- अशोक ने 268 ईसापूर्व में अपने पिता की मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य की बागडोर संभाली। प्रारंभ में, उनका शासन भीषण युद्धों और आक्रमणों से भरा हुआ था।
कैलाश युद्ध और बाद की स्थिति:
- सम्राट अशोक का सबसे प्रसिद्ध युद्ध कैलाश युद्ध था, जो कंधार (वर्तमान अफगानिस्तान) और अन्य राज्यों के खिलाफ लड़ा गया। इस युद्ध के दौरान बहुत से लोग मारे गए और इसके परिणामस्वरूप अशोक ने युद्ध की शांति और सामाजिक सुधार की दिशा में कदम उठाए।
बौद्ध धर्म का अपनाना
बुद्ध धर्म की ओर मोड़:
- कैलाश युद्ध के बाद, अशोक ने युद्ध और हिंसा से थक कर बौद्ध धर्म को अपनाया। उन्होंने अहिंसा, दया, और सत्य के सिद्धांतों को अपनाया और बौद्ध धर्म का प्रचार करने का निर्णय लिया।
- उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे कि बौद्ध भिक्षुओं को समर्थन देना और बौद्ध सभाओं का आयोजन करना।
धम्म प्रचार:
- अशोक ने अपने शासनकाल में "धम्म" (धर्म) की स्थापना की, जिसमें समाज में नैतिकता, न्याय, और अहिंसा पर जोर दिया गया। उन्होंने विभिन्न धम्म स्तूपों और अशोक स्तम्भों का निर्माण किया, जिन पर उनके धर्म संबंधी संदेश अंकित थे।
प्रशासनिक सुधार
- धार्मिक सहिष्णुता:
- अशोक ने विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच सहिष्णुता को बढ़ावा दिया। उन्होंने अन्य धर्मों की गतिविधियों का समर्थन किया और धार्मिक समानता की दिशा में काम किया।
- सामाजिक सुधार:
- उन्होंने सामाजिक कल्याण के लिए कई पहल की, जैसे कि अस्पतालों, धर्मशालाओं, और जलाशयों का निर्माण। उन्होंने जनता के स्वास्थ्य और भलाई के लिए कई योजनाएं बनाई।
ऐतिहासिक धरोहर
अशोक स्तम्भ:
- अशोक के शासनकाल के दौरान स्थापित किए गए अशोक स्तम्भ और धम्म स्तूप आज भी उनकी धरोहर के रूप में खड़े हैं। ये स्तम्भ उनके शासनकाल के दौरान बौद्ध धर्म के प्रचार और उनके धम्म के सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
- इन स्तम्भों पर उकेरे गए लेख और शिलालेख उनकी धर्मनिरपेक्ष नीतियों और सामाजिक सुधारों का प्रमाण हैं।
विरासत:
- अशोक का शासन भारतीय इतिहास में एक सुनहरा अध्याय के रूप में देखा जाता है। उनकी बौद्ध धर्म के प्रति निष्ठा और सामाजिक सुधारों ने उन्हें एक आदर्श शासक के रूप में स्थापित किया।
- अशोक की नीति और उनके द्वारा किए गए सुधार आज भी अध्ययन और अनुसंधान का विषय हैं। उनकी धरोहर और विचारधारा ने भारतीय समाज में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
सम्राट अशोक का जीवन और शासन भारतीय इतिहास में धर्म, अहिंसा, और सामाजिक सुधारों का प्रतीक है। उनकी उपलब्धियों और सुधारों ने भारतीय समाज को एक नया दिशा और पहचान दी। उनके शासनकाल की नीतियाँ और विचार आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।

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